जनपद गोंडा
रीजनल ब्यूरो चीफ देवीपाटन मंडल गोंडा- अमित कुमार श्रीवास्तव
मोहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है. ये महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है
इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत पर मनाए जाने वाले गमी के पर्व मोहर्रम पर मंगलवार को गोंडा जनपद विकासखंड नवाबगंज में ताजिया मातमी जुलूस के साथ निकाले गए। अल हुसैनी मोहर्रम एकता कमेटी नवाबगंज गोंडा द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया
अमन चैन की दुआ मांगी गई। जिसमें
मुख्य अतिथि सत्येंद्र सिंह अध्य्क्ष नगर पालिका परिषद नवाबगंज, विशिष्ट अतिथि डॉ. हाफिज अली, डॉ. अशोक सिंह, आजाद विक्रम सिंह पूर्व प्रमुख मनकापुर, डॉ. शफीक अहमद, निसार खान, जिंदर अब्दुल मुजीब अध्य्क्ष, शाबान अली हनफी सचिव, उस्मान रैनी सदस्य, नबी बख्श कादरी, फारूक रैनी, मोहम्मद इब्राहीम, हामिद अंसारी, मुहीद खान, जानू अंसारी
और सभी धर्म के लोग शामिल हुए. इस क्रम में जुलूस को पूरे नगर का भ्रमण कराया गया. वहीं, इस दौरान हसन या हुसैन गूंजमान रहा.इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले अशुरा के दिन इमाम हुसैन का कर्बला की लड़ाई में सिर कलम कर दिया था और उनकी याद में इस दिन जुलूस और ताजिया निकालने की रिवायत है. अशुरा के दिन तैमूरी रिवायत को मानने वाले मुसलमान रोजा-नमाज के साथ इस दिन ताजियों-अखाड़ों को दफन या ठंडा कर शोक मनाते हैं.आशूरा के दिन इस्लाम धर्म में शिया समुदाय के लोग ताजिया निकालते हैं और मातम मनाते हैं. इराक में हजरत इमाम हुसैन का मकबरा है, उसी मकबरे की तरह का ताजिया बनाया जाता है और जुलूस निकाला जाता है.
अच्छी ताजिया के लिए पहला ईनाम वाशिंग मशीन वारिस अली खान मोहल्ला संचरही को, दूसरा ईनाम सिलाई मशीन बडडे मोहल्ला संचरही, तीसरा ईनाम फर्राटा फैन बाले मोहल्ला पड़ाव, व पांच अन्य सांतवना ईनाम उत्साहवर्धन हेतु दिया गया कस्बे में इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखने को मिले। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रही.
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