जनपद गोंडा/अमित कुमार श्रीवास्तव
गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए शिक्षक के आशीर्वाद से ही विद्यार्थी का जीवन अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर बढ़ता हैं. हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. वे स्वयं ही एक महान शिक्षक थे. उनका व्यक्तित्व श्रेष्ठ था. ये उनके ही विचार थे कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए. इसी क्रम में विकासखंड नवाबगंज स्थित निर्मला मेमोरियल इंटर कॉलेज नवाबगंज में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाया गया विद्यालय के प्रांगण सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर शिक्षकों और बच्चों की मौजूदगी में जन्मदिन मनाते हुए केक काटा गया स्कूल में उपस्थित बच्चों ने शिक्षकों को तिलक कर उनका सम्मान किया और पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया शिक्षक दिवस के इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक अरविंद सिंह, सीमा सिंह, सोनी, रंजीत सिंह, शुभम सिंह,प्रेम सिंह, मनीषा सिंह, रेखा तिवारी, मनीषा यादव,अजय श्रीवास्तव, दिव्यानी, सरिता, माधुरी पूजा व अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे
शिक्षक दिवस पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. प्राचीन काल से ही गुरूओं का बच्चों के जीवन में बड़ा योगदान रहा है. गुरुओं से मिला ज्ञान और मार्गदर्शन से ही हम सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं. शिक्षक दिवस सभी शिक्षकों और गुरुओं को समर्पित है. इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है. भारत में शिक्षक दिवस शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को अर्पित करने का उत्सव और अवसर है. वे हमें जीवन विपरीत परिस्थितियों का सामना करना सिखाते हैं.
शिक्षक दिवस का इतिहास (Teacher’s Day History)
इस दिन स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रम और तरह-तरह की एक्टिविटीज का आयोजन होता है. बच्चे और शिक्षक दोनों ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं. स्कूल और कॉलेज सहित अलग-अलग संस्थानों में शिक्षक दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. दिनभर कार्यक्रम और सम्मान का दौर चलता है. इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जंयती मनाई जाती है.